पैगाम ब्यूरोः अर्थशास्त्री और विपक्षी दल जिस बात की आशंका जता रहे थे, वो सच साबित हुआ. जैसे ही सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में छूट दी. महंगाई आसमान को छूने लगी. मोदी सरकार ने 15 सितंबर को लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में भी इसे पास कर कानून बना दिया गया. सरकार ने पुराने कानून में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु की तालिका से बाहर कर दिया है.
इस कानून के बनते ही जमाखोरों की चांदी हो गई है. तुअर दाल की कीमत 80 रुपये से बढ़ कर 120 रुपये तक पहुंच गया है. सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं, लेकिन किचन का बजट सबसे ज्यादा आलू और प्याज के दाम ने बिगाड़ दिया है.
देश भर में हरी सब्जियों के दाम लोगों के जेब खाली कर रहा है. हर रसोई की शान आलू 50 रूपये किलो तक पहुंच गया है. प्याज देश में 80-90 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. कई जगहों पर तो इसने सेंचुरी मार ली है. चेन्नई में तो प्याज 150 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने की खबर है.
टमाटर के दाम भी 60 के पार है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते पहले से ही परेशान आमलोगों के लिए पेट भरना मुश्किल हो रहा है. महंगाई से आम आदमी का पूरा बजट बिगड़ गया है.
अगर हरी सब्जियों की बात करें तो बैगन 40 रुपए, परवल 80 रुपए, मटर 140 रुपए, भिंडी 50 रुपए, गोभी 40 रुपये प्रति पीस, लहसुन 200 रुपए, तोरई 40 रुपए, शिमला मिर्च 120 रुपए, पालक 40 रुपए, करेला 60 रुपए, और अरबी 50 रुपए किलो बिक रही है.
लेकिन शासक दल को इसकी कोई चिंता नहीं है. वो तो बिहार विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश के उपचुनाव में मस्त और व्यस्त है. हिंदू-मुसलमान, पाकिस्तान और सेना के नाम पर अपनी रोटी सेंकने वाली बीजेपी और उसके नेताओं को लोगों की इस परेशानी की कोई फिक्र नहीं है. इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेता हवाहवाई बातें कर रहे हैं.उनकी जबान पर लोगों को महंगाई से हो रही परेशानी का कोई जिक्र नहीं है.